जमशेदपुर, 5 सितंबर: टाटा स्टील जमशेदपुर ने टाटा मोटर्स पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) शाखा, री-वाई-री (सम्मान के साथ रीसायकल) के माध्यम से वाणिज्यिक और यात्री दोनों प्रकार के वाहनों के जीवन-काल समाप्त हो चुके वाहनों (ईएलवी) के सतत निपटान की पहल की है।
चक्रीयता के सिद्धांतों को बढ़ावा देने वाली इस पहल का शुभारंभ औद्योगिक उप-उत्पाद प्रबंधन प्रभाग के कार्यकारी प्रभारी दीपांकर दासगुप्ता ने टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सेवा प्रमुख प्रणय सिन्हा, टाटा स्टील के पर्यावरण प्रबंधन प्रमुख अमित रंजन चक्रवर्ती, टाटा स्टील के विद्युत रखरखाव प्रमुख अनुराग सक्सेना और सुरक्षा एवं ब्रांड संरक्षण प्रमुख अरविंद कुमार सिन्हा की उपस्थिति में किया। टाटा स्टील और री-वाई-री, टाटा मोटर्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी आज टाटा स्टील जमशेदपुर वर्क्स में उपस्थित थे।
री-वाई-री, वाहनों के जीवनकाल के बाद उनके स्थायी निपटान के लिए बनाया गया एक व्यावसायिक मॉडल है। यह वाहनों के जीवनकाल के अंत में उनके प्रभाव का निःशुल्क मूल्यांकन, उचित मूल्य निर्धारण, पिकअप और कॉर्पोरेट्स व संबंधित हितधारकों से दस्तावेजों की उचित जाँच-पड़ताल की सुविधा प्रदान करता है। वाहनों के अलग-अलग पुर्जों का निपटान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पर्यावरणीय मानदंडों के अनुसार किया जाता है। वर्तमान में, री-वाई-री के पूरे भारत में 11 केंद्र हैं, जिनकी कुल क्षमता 0.2 मिलियन ईएलवी को रीसायकल करने की है। यह उद्यम, जो पहली बार झारखंड में क्रियान्वित किया जा रहा है, आने वाले समय में अन्य स्थानों पर भी शुरू किया जाएगा।
स्थायित्व प्रथाओं और चक्रीयता कार्यों को बढ़ावा देने वाला यह अभियान, विभिन्न स्थानों पर टाटा समूह की कंपनियों के साथ तालमेल बिठाकर हरित भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।