जमशेदपुर, 14 सितंबर: डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन में हिंदी दिवस अत्यंत हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन लिटरेरी क्लब द्वारा किया गया था।
कॉलेज की प्राचार्य डॉ. जूही समरपिता ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी सभी भाषाओं की जननी है और हमें इसे बोलने में कभी भी संकोच या शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हिंदी हमारी पहचान और गौरव की भाषा है। उप-प्राचार्य डॉ. मोनिका उप्पल ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि हिंदी में कुछ सांस्कृतिक रूप से निहित शब्द हैं जिनका अनुवाद नहीं किया जा सकता, जिससे यह भाषा हमारी संस्कृति और विरासत से गहराई से जुड़ी हुई है।
इस अवसर पर, तृतीय सेमेस्टर की छात्रा प्रियंका कुमारी ने अपनी स्वरचित कविता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बी.एड. की छात्राओं तान्या कुमारी, निकिता कुमारी, नेहा कुमारी और अंकिता कुमारी ने अपने मनमोहक नृत्य प्रदर्शन से कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रंगकर्मी दिनकर शर्मा की प्रस्तुति रही। उनके नाटक “पक्षी और दीमक” और “मेरे होने का मतलब” के प्रभावशाली प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आर.एम.एस. बालीचेला के छात्रों और शिक्षकों को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। विशेष रूप से उल्लेखनीय यह था कि आमंत्रित शिक्षकों में से कई डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन के बी.एड. कार्यक्रम के पूर्व छात्र थे, जिससे समारोह के दौरान एक भावनात्मक जुड़ाव बना।
कॉलेज सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन, संयुक्त सचिव सुधा दिलीप और अन्य उपस्थित थे।