‘रात गई, बात गई’: अशोक गहलोत के साथ झगड़े पर सचिन पायलट|

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राजस्थान के पूर्व मंत्री और सचिन पायलट के करीबी सहयोगी हेमाराम चौधरी ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच की तल्खी पार्टी को उम्मीद देती है।

जयपुर:
हाल के दिनों में सबसे बड़े राजनीतिक मेल-मिलाप में से एक में, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत को पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट के पिता की 25वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में एक साथ देखा गया।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री श्री गहलोत और उनके पूर्व उप-मुख्यमंत्री राजेश पायलट ने भी सही संकेत दिए, जिससे संकेत मिलता है कि उनके बीच का झगड़ा, जो कम से कम 2018 से चला आ रहा है, अब खत्म हो चुका है।

कार्यक्रम के बाद NDTV से खास बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में दो गुट नहीं हैं और उनके बीच मतभेदों की बात करें तो यह पुरानी बात है। उन्होंने कहा, “पार्टी में दो गुट नहीं हैं। अगर मतभेद होते हैं तो हम साथ बैठकर आगे बढ़ने का तरीका निकालते हैं। 2023 के चुनाव में हम जीत नहीं पाए, लेकिन हमने अच्छा प्रदर्शन किया – हमें 200 में से 70 सीटें मिलीं। कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे), (लोकसभा में विपक्ष के नेता) राहुल गांधी, सभी का प्रयास रहा है कि यह समय देश और पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण है और हमें भाजपा से मुकाबला करने के लिए एकजुट होना होगा।

राजस्थान में हम हमेशा एकजुट रहे हैं और हमारा अंतिम उद्देश्य संगठन को मजबूत करना और अगला चुनाव जीतना है।” श्री गहलोत द्वारा अतीत में उनके बारे में कही गई अप्रिय बातों, जैसे कि उन्हें “बेकार” कहना, के बारे में पूछे जाने पर श्री पायलट ने कहा, “रात गई सो बात गई। किसने क्या कहा, यह सब अतीत की बात है। समय वापस नहीं आएगा, हमें आगे देखना होगा। हमें मिलकर काम करना होगा… भविष्य देश को बांटने वाली ताकतों से मिलकर लड़ने में निहित है। कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है जो पूरे देश में कोई उम्मीद जगा सकती है।”

श्री गहलोत ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों नेताओं के बीच कभी मतभेद नहीं रहे। वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम कभी एक-दूसरे से दूर नहीं रहे। ‘प्रेम मोहब्बत बनी रहती है और बनी रहेगी।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने राजेश पायलट के साथ अपने लंबे जुड़ाव को भी याद किया। श्री गहलोत ने कहा, “आज हम उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। लोगों का उत्साह देखिए… यह सभा अपने आप में संदेश देती है कि उनका व्यक्तित्व कैसा था। मैंने उनके साथ काम किया है और आज उस समय की यादें भी ताजा हो गई हैं।” कांग्रेस के लिए उत्साहवर्धक संकेत यह है कि पायलट और गहलोत दोनों ही गुटों के वरिष्ठ नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए। राजस्थान के पूर्व मंत्री और सचिन पायलट के करीबी सहयोगी हेमाराम चौधरी ने कहा कि यह बात पार्टी को उम्मीद देती है। श्री चौधरी ने कहा, “अगर सचिन और गहलोत साथ आते हैं तो यह अच्छी बात है। हम दोनों के साथ मिलकर अगला चुनाव जीत सकते हैं।”

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