जमशेदपुर, 16 जून: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक प्रतिनिधि और भाजपा जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिला अध्यक्ष गुंजन यादव ने सोमवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से मुलाकात कर 12 जून को साकची थाने के बाहर जन सुविधा मंच द्वारा आयोजित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के संबंध में दर्ज एफआईआर के खिलाफ औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई।
बैठक के दौरान यादव ने घटना का पूरा ब्योरा दिया और निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया कि एफआईआर एक अनुचित कृत्य है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाता है। बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने साकची पुलिस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और उन पर मनमानी और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि 12 जून का विरोध प्रदर्शन युवाओं और महिलाओं सहित नागरिकों का एक शांतिपूर्ण जमावड़ा था, जो राष्ट्रीय ध्वज और तख्तियां लेकर साकची क्षेत्र में बढ़ती नशीली दवाओं के दुरुपयोग, अनैतिक गतिविधियों और कथित पुलिस लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
हालांकि, थाना प्रभारी ने कथित तौर पर गेट बंद कर दिए, प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया और ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया। यादव ने बाद में दर्ज की गई एफआईआर की निंदा की, जिसमें पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों के पास हथियार थे। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय ध्वज को हथियार कहना हमारे तिरंगे का अपमान है।” उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि थाना प्रभारी को ध्वज और हथियार के बीच अंतर करने के लिए आंखों की जांच करानी पड़ सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया रिपोर्ट, इलेक्ट्रॉनिक समाचार फुटेज और विरोध प्रदर्शन से सीसीटीवी रिकॉर्डिंग से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि कोई हथियार नहीं था – केवल झंडे और तख्तियां थीं।
यादव ने अधिकारियों को फुटेज में किसी भी हथियार की पहचान करने की चुनौती दी और कहा कि अगर ऐसा साबित होता है तो वे सजा स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने एसएसपी से एक सक्षम वरिष्ठ अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया ताकि सच्चाई सामने आ सके और इसमें शामिल निर्दोष युवाओं और महिलाओं को न्याय मिल सके। यादव ने कहा कि एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लिया है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।