बालीगुमा एनक्यूएएस प्रमाणन प्राप्त करने वाला पहला शहरी-पीएचसी बना|

बालीगुमा

जमशेदपुर, 15 मई – खासमहल स्थित सिविल सर्जन सभागार में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) की एक दिवसीय मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस सत्र में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल था।

सभा को संबोधित करते हुए डॉ. पाल ने अधिकारियों को सभी अटल क्लीनिकों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (शहरी) में 100% टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने तपेदिक, मलेरिया और कुष्ठ रोग सहित प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की भी समीक्षा की।

जिला आरओ और सीएचओ अधिकारी डॉ. रंजीत कुमार पांडा ने एईएफआई के उपचार प्रोटोकॉल पर विस्तृत जानकारी दी और पूरे जिले में इसके पूर्ण कार्यान्वयन के महत्व पर जोर दिया।

बैठक में उपस्थित लोगों में डॉ. सौम्या घोष, जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ. राजीव और मनीष कुमार सिंह, दीपक कुमार, राजेश कुमार, विशाल कुमार और अमित कुमार सहित स्वास्थ्य अधिकारी शामिल थे। सत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधक, एएनएम, यूबीटी, पीएसआई-इंडिया के प्रतिनिधि, सह्या-साथी और बिमल दास भी शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान, सिविल सर्जन डॉ. पाल ने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा में हाल की उपलब्धियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को बधाई दी। उन्होंने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बालीगुमा की सराहना की, जो झारखंड में एनक्यूएएस (राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक) प्रमाणन प्राप्त करने वाला पहला शहरी-पीएचसी बन गया है। उन्होंने पीएचसी मानुषमुड़िया, बहरागोड़ा की भी सराहना की, जो राज्य में दूसरा एनक्यूएएस-प्रमाणित पीएचसी बन गया है।

ये मील के पत्थर स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानक स्थापित करने के लिए जिले की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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