जमशेदपुर: हिंदू नववर्ष विक्रम संवत के पावन अवसर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष मंजीत सिंह गिल द्वारा रंगरेटा महासभा एवं युवा हिंदू क्रांति के रविकांत शर्मा के सहयोग से भव्य सेवा शिविर का आयोजन बड़े उत्साह एवं भक्ति भाव के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी तथा धार्मिक उत्साह, एकता एवं सामुदायिक सेवा का नजारा देखने को मिला।
समारोह की शुरुआत भारत माता की पूजा से हुई, जो राष्ट्रवाद एवं भक्ति की भावना का प्रतीक है। पूजा के बाद उपस्थित लोगों में चना, शरबत, हलवा एवं लड्डू प्रसाद वितरित किया गया, जिससे हर्ष एवं उल्लास का माहौल बना। इसके अतिरिक्त हिंदू परंपराओं को बढ़ावा देने एवं नववर्ष के महत्व के बारे में जागरूकता लाने के लिए हिंदू पंचांग (पंजी) का वितरण किया गया।
इस कार्यक्रम में आम लोगों की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिन्होंने समारोह में सक्रिय रूप से भाग लिया, जो गहरे सांस्कृतिक एवं धार्मिक उत्साह को दर्शाता है। विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक समूहों के संगठन कार्यकर्ताओं ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
हमारे संवाददाता से विशेष बातचीत में आयोजन अध्यक्ष मनजीत सिंह गिल ने उत्सव के पीछे के उद्देश्य पर जोर देते हुए कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता के साथ नववर्ष की खुशियां बांटना है, साथ ही सेवा और सद्भावना की भावना से हिंदू पंजिका और धार्मिक प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है। उन्होंने सांस्कृतिक संरक्षण और समुदाय के बीच एकता को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला। इस भव्य समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल हैं: सरदार शैलेन्द्र सिंह, सीजीपीएससी चेयरमैन, जनार्दन पाण्डेय जी, बजरंग दल अध्यक्ष, अवतार सिंह गांधी, विश्व हिन्दू परिषद नेता, रवि शर्मा, अध्यक्ष, युवा हिन्दू क्रांति, संजीव सिंह, भाजपा जमशेदपुर महानगर नेता, बबुआ सिंह, विनोद सिंह जी, संजीव सिंह जी (सांसद प्रतिनिधि), गुंजन यादव जी, पूर्व जिला अध्यक्ष, मिथिलेश सिंह यादव, अजय सिंह, नीलू मछुआ, महिला मोर्चा अध्यक्ष, गौरी, कंचन लोहार, सतपाल सिंह, तरसेम सिंह काम, कुलदीप सिंह, मनोहर सिंह, अमरीक सिंह, जगतार सिंह, सुखदेव सिंह मिट्ठू, रॉकी सिंह जी, साक्षी मंडल, युवराज सिंह मलकीत सिंह, चरणजीत सिंह, नवजोत कुशल, अमन बंटी
इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
इस पहल ने न केवल विक्रम संवत 2082 की शुरुआत को हर्षोल्लास के साथ चिह्नित किया, बल्कि समाज में सद्भाव और सेवा की भावना को भी मजबूत किया। प्रसाद और हिंदू पंचांग का वितरण परंपराओं को जीवित रखने और आज के समाज में उनकी निरंतर प्रासंगिकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।