जमशेदपुर – कदमा वर्कर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने जमशेदपुर अक्षेस पर टेंडर आवंटन में भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उपायुक्त के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। कोऑपरेटिव का आरोप है कि टेंडर लगातार निजी ठेकेदारों को दिए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय विकास और रोजगार में योगदान देने वाले स्थानीय ठेकेदारों को दरकिनार कर दिया जा रहा है।
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रोजगार और आर्थिक प्रभाव पर चिंता
कोऑपरेटिव के प्रतिनिधियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निजी ठेकेदारों का पक्षपात स्थानीय श्रम अवसरों को कमजोर करता है, जिससे श्रमिकों के बीच पलायन की समस्या और बढ़ जाती है। उन्होंने तर्क दिया कि उनके ठेकेदार निवासियों को रोजगार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे कार्यबल का विस्थापन रुकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलता है।
कोऑपरेटिव के एक सदस्य ने टिप्पणी की, “हमारा उद्देश्य स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार सुनिश्चित करना है ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो और पलायन पर अंकुश लगे। हालांकि, निजी ठेकेदारों के प्रति यह पक्षपात हमारी गतिविधियों को खतरे में डालता है और रोजगार के अवसरों को कम करता है।”
आर्थिक और सामाजिक निहितार्थ
कोऑपरेटिव ने बताया कि निजी ठेकेदारों को प्राथमिकता देने से न केवल उनके संचालन में बाधा आती है बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी खतरा होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय ठेकेदारों का उपयोग करने से स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और श्रमिकों के लिए स्थिर आजीविका सुनिश्चित होती है।
तत्काल कार्रवाई का आह्वान
उपायुक्त को दिए गए अपने ज्ञापन में, सहकारी समिति ने इस मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया। उन्होंने स्थानीय ठेकेदारों के लिए समान अवसरों की मांग की, कहा कि क्षेत्रीय विकास को बनाए रखने और आर्थिक असमानताओं को रोकने के लिए ऐसे उपाय आवश्यक हैं।
सहकारी समिति ने श्रम कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, “हम प्रशासन से इस पक्षपातपूर्ण व्यवहार को सुधारने और स्थानीय ठेकेदारों के लिए समान अवसर प्रदान करने की अपील करते हैं।”