ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज न करने पर जमशेदपुर के 89 शिक्षकों का वेतन काटा गया|

जमशेदपुर

जमशेदपुर: शिक्षा क्षेत्र में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाते हुए ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज न करने वाले 89 शिक्षकों का वेतन काटने का आदेश दिया गया। यह निर्णय जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में आयोजित शिक्षा एवं कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया, जिसकी अध्यक्षता परियोजना निदेशक आईटीडीए और उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने की। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति पंजीकरण अनिवार्य है, जिससे स्कूलों में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित हो सके।

बैठक में उपस्थिति की निगरानी के अलावा कई प्रमुख शैक्षिक कल्याण पहलों पर भी चर्चा की गई। छात्रवृत्ति भुगतान में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को बैंक शाखाओं के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया, ताकि बैंक खातों और एनपीसीआई मैपिंग में त्रुटियों के कारण होने वाली देरी को दूर किया जा सके। ब्लॉक शिक्षा विस्तार अधिकारियों (बीईईओ) को बच्चों के आधार में बायोमेट्रिक अपडेट की सुविधा प्रदान करने का काम सौंपा गया, ताकि आगे भुगतान संबंधी समस्याओं को रोका जा सके। समय पर छात्रवृत्ति वितरण सुनिश्चित करने के लिए बैंक खाते की विसंगतियों का त्वरित समाधान अनिवार्य किया गया। साइकिल वितरण के संबंध में, सभी पूर्ण रूप से निर्मित साइकिलों का वितरण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया जाना है, तथा प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अधिशेष ब्लॉकों से साइकिल फिटर को अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाना है। अधिकारियों को यूनिफॉर्म वितरण, डीआईएएस नामांकन तथा समग्र शिक्षा अभियान और अपार कार्यक्रम के अंतर्गत सभी छात्रों को शामिल करने के लिए स्कूल अनुदान का 100% उपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार को भी प्राथमिकता दी गई, जिसमें स्कूल अनुदान का उपयोग पेयजल, बिजली और शौचालयों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किया जाना है। स्कूलों को रखरखाव बढ़ाने, स्वच्छता सुनिश्चित करने और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 7,366 छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की समीक्षा की गई, जिसमें अधिकारियों को 100% निधि वितरण प्राप्त करने के निर्देश दिए गए, क्योंकि अब तक 78% बच्चों को कवर किया जा चुका है। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडे के साथ-साथ झारखंड शिक्षा परियोजना के बीईईओ, बीपीओ, एपीएम, बीएसी, बीआरसी, जेई और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। इन निर्णयों का उद्देश्य कल्याणकारी योजनाओं की दक्षता में सुधार करना, स्कूल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि जमशेदपुर में छात्रों को समय पर सहायता मिले।

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